Gian Chand Gupta: 'विपक्ष के विधायक के लिए सत्ता पक्ष के मंत्री को टोका'; पूर्व स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने अर्थ प्रकाश को बताया वो वाकया

'विपक्ष के विधायक के लिए सत्ता पक्ष के मंत्री को टोका'; पूर्व हरियाणा विधानसभा स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने अर्थ प्रकाश को बताया वो वाकया

Former Haryana Assembly Speaker Gian Chand Gupta remain neutral as a speaker

Former Haryana Assembly Speaker Gian Chand Gupta remain neutral as a speaker

Gian Chand Gupta: हरियाणा बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधानसभा स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने अर्थ प्रकाश के साथ खास बातचीत के दौरान बताया कि उन्होंने किस तरीके से बतौर स्पीकर ईमानदारी और गैर-पक्षपाती होकर अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाई। स्पीकर के तौर पर न्यूट्रल रह पाने की परीक्षा का एक वाकया भी उन्होंने सुनाया। जब उन्होंने विपक्ष के एक विधायक के लिए सत्ता पक्ष के मंत्री को टोक दिया था और सही तरह से जवाब देने को कहा था। आइये जानते हैं कि वो पूरा वाकया क्या था?

ज्ञान चंद गुप्ता कहते हैं, ''विधानसभा के अंदर कई बार ऐसे मौके आए जब मेरे न्यूट्रल रह पाने की परीक्षा हुई। उन्होंने ऐसा ही एक वाकया बताते हुए कहा, एक बार विधानसभा में विपक्ष के विधायक ने प्रश्न किया लेकिन सामने से सत्ता पक्ष के मंत्री की तरफ से जो उचित जवाब आना चाहिए था वो नहीं आया। तो मैंने न्यूट्रल रहते हुए मंत्री जी से कहा कि विधायक का जो सवाल है, उसका सही ढंग से जवाब दीजिए। इधर-उधर की बात मत कीजिये। ये एक सत्ता पक्ष के मंत्री को जो टोकना था, मुझे लगा की ये मेरी ड्यूटी है, मुझे ऐसा लगा की मुझे ऐसा करना चाहिए।''

वे आगे बताते हुए कहते हैं कि इसी तरह से विधानसभा सेशन एक दिन बढ़ाए जाने की मांग जब सामने आई तो वो भी एक दिन बढ़ाया गया। मेरे अंदर कोई ऐसी बात कभी नहीं थी कि मुझे विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच अंतर करना है क्योंकि लोकतंत्र में सत्ता पक्ष से ज्यादा विपक्ष की भूमिका है और ये सार्थक तौर पर होनी चाहिए। मैंने पक्ष-विपक्ष को दरकिनार करते हुए स्पीकर के पद पर काम किया।

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स्पीकर रहते नए बदलाव किए

ज्ञान चंद गुप्ता आगे कहते हैं, ''जहां तक स्पीकर की बात है तो मैंने बहुत से नवाचार भी किए और नए बदलाव लाये। सबसे बड़ी उपलब्धि ये रही कि विधानसभा को ई-विधानसभा बनाया गया। ई-विधानसभा बनने के बाद सारी जानकारी ऑनलाइन आ गई। इसके लिए हमने विधायकों और कर्मियों की ट्रेनिंग भी करवाई।''

सवाल पूछने का सबको समान अवसर दिया

ज्ञान चंद गुप्ता बताते हैं, ''विधानसभा की कार्यवाही में सवाल लगाने को लेकर ब्लेम लगता था कि सत्ता पक्ष के सवाल लगते हैं। विपक्ष को मौका नहीं दिया जाता। इसे दूर करने और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए मैंने व्यवस्था की जो भी प्रश्न लगेंगे वो बिना किसी सिफ़ारिश और आपसी व्यवहार के ही लगेंगे और ड्रॉ प्रक्रिया से लगेंगे। ताकि सबको समान अवसर मिले। मैंने किसी के साथ पक्षपात नहीं किया और सबको बोलने का समान मौका दिया।''

ज्ञान चंद गुप्ता का पूरा इंटरव्यू

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विधानसभा के अंदर वर्क कल्चर पर काम

ज्ञान चंद गुप्ता कहते हैं, ''मुझे यह महसूस हुआ कि विधानसभा के अंदर वर्क कल्चर कम था। जो अधिकारी और कर्मचारी अपनी सीट पर नहीं बैठते थे तो हमने एक सिस्टम शुरू किया की जो परजेंस है वो फेस से लगेगी। इसके अलावा मूवमेंट की एंट्री की शुरुवात मैंने की। मैंने इस प्रकार से विधानसभा के अंदर पारदर्शिता से काम किया और विपक्ष ने भी इसे सराहा।''